क्या वाकई गेंहूं ₹2900 प्रति क्विंटल हुआ? देखें मंडी भाव की असली स्थिति

हाल ही में सोशल मीडिया और कुछ न्यूज़ चैनलों पर यह खबर वायरल हो रही है कि गेंहूं का भाव ₹2900 प्रति क्विंटल के पास पहुंच गया है। इससे किसानों और व्यापारियों में काफी हलचल है। लेकिन जब हमने ज़मीनी हकीकत और मंडियों के आधिकारिक आंकड़े देखे, तो तस्वीर कुछ और ही निकली।

वर्तमान समय में देशभर की मंडियों में गेंहूं के भाव ₹2600 से ₹2730 प्रति क्विंटल के बीच चल रहे हैं। ₹2900 के दावे अभी तक किसी भी अधिकृत स्रोत द्वारा पुष्टि नहीं किए गए हैं।

देशभर में गेंहूं के भाव – ताज़ा रिपोर्ट

5 अगस्त 2025 तक के मंडी आंकड़ों के अनुसार, औसतन गेंहूं का भाव ₹2,620 प्रति क्विंटल है।

राज्य / क्षेत्रऔसत भाव (₹/क्विंटल)रेंज (₹/क्विंटल)
पंजाब₹2,530₹2,530 (स्थिर)
बिहार₹2,650₹2,500 – ₹2,710
उत्तर प्रदेश (प्रयागराज)₹2,610₹2,425 – ₹2,730
अखिल भारतीय औसत₹2,620

इन आंकड़ों की पुष्टि Agmarknet पोर्टल और Napanta जैसी आधिकारिक वेबसाइटों से की गई है।

क्या वाकई गेंहूं ₹2900 तक पहुंच गया है?

नहीं। ₹2900 प्रति क्विंटल का आंकड़ा फिलहाल किसी भी राज्य की मंडी में नहीं देखा गया है।

हालांकि, फरवरी 2025 में कुछ मंडियों जैसे बरेली (उत्तर प्रदेश) में कुछ विशेष किस्मों के लिए गेंहूं के दाम ₹2850–₹2900 के करीब पहुंचे थे, लेकिन अभी अगस्त 2025 में ऐसा नहीं है।

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MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की भूमिका

रबी सीजन 2025–26 के लिए केंद्र सरकार ने गेंहूं का MSP ₹2,425 प्रति क्विंटल तय किया है। यह पिछले वर्ष के ₹2,275 से 6.6% अधिक है। MSP की घोषणा आधिकारिक रूप से कृषि मंत्रालय की वेबसाइट पर देखी जा सकती है।

कीमतों में बढ़त के कारण

किसानों की राय

किसान अभी संतुष्ट हैं कि मंडी के भाव MSP से ऊपर चल रहे हैं, लेकिन वे चाहते हैं कि यह स्थिरता बनी रहे।

हमें भाव ठीक मिल रहे हैं, लेकिन अगर कोई आर्टिफिशियल तरीके से दाम बढ़ा रहा है तो उससे नुकसान हो सकता है,
कहते हैं रामेश्वर यादव, प्रयागराज के किसान।

आगे क्या हो सकता है?

आप FCI (भारतीय खाद्य निगम) की वेबसाइट पर स्टॉक की जानकारी ले सकते हैं।

महत्वपूर्ण अपडेट्स के लिए देखें यह भी:

निष्कर्ष

₹2900 का आंकड़ा फिलहाल एक भ्रम या भविष्यवाणी मात्र है, क्योंकि किसी भी मंडी में अभी तक यह भाव दर्ज नहीं हुआ है। वर्तमान में गेंहूं की कीमतें ₹2600 से ₹2730 प्रति क्विंटल के बीच हैं।

किसानों और व्यापारियों को सलाह दी जाती है कि वे केवल अधिकारिक स्रोतों और मंडी रिपोर्ट्स पर भरोसा करें, अफवाहों पर नहीं।

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