उत्तरकाशी, उत्तराखंड, 7 अगस्त 2025 – धाराली (Dharali) गांव में अचानक आई बाढ़ और भूस्खलन ने इस हिमालयी क्षेत्र को तहस‑नहस कर दिया। यह आपदा 5 अगस्त 2025 को आई, जहां कम से कम 5 लोग मारे गए और 50 से अधिक लापता बताए गए; कुछ क्षणों बाद स्थिति और गंभीर हो सकती है।
क्या हुआ था?
मीडिया शुरुआती रिपोर्टों में इसे एक भारी क्लाउडबर्स्ट (cloudburst) बताया, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि ग्लेशियर टूटने, ग्लेशियल झील विस्फोट, भूस्खलन या इन सबका संयोजन इस त्रासदी की वजह हो सकता है।WikipediaThe Economic Times
धाराली और हर्षिल क्षेत्र की भौगोलिक संवेदनशीलता, ढलानों पर अस्थिर धरातल तथा ग्लेशियल गतिविधियां इसे पहले से जोखिम क्षेत्र बना चुकी हैं।
जान-माल का नुकसान
- मृतक: प्रारंभिक तौर पर कम से कम चार की मौत दर्ज हुई, बाद में आंकड़ा पांच पहुंच गया।
- लापता: अधिकारियों ने लगभग 50 से ज्यादा लोग लापता बताए, कुछ रिपोर्टों में यह संख्या 100 के करीब बताई गई है।
- सैनिकों की हानि: एक सेना शिविर भी प्रभावित हुआ, जिसमें सौ से अधिक जवानों के लापता होने की संभावनाएं जताई गईं।
राहत एवं बचाव कार्य
- रिस्क्यू ऑपरेशन: सेना, NDRF, SDRF, ITBP की टीमें “युद्ध स्तर” (war footing) पर बचाव कार्य में लगी हैं। लगभग 190 लोग बचाए गए, जिनमें यात्री और स्थानीय शामिल हैं।
- तकनीकी मदद: हेलीकॉप्टर, ज़िपलाइन, भारी मशीनरी, ड्रोन, और खोजी कुत्तों की मदद से बचाव कार्य चलाया गया।
- चुनौतियाँ: लगातार बारिश, धंसता पहाड़ी भू-दृश्य व खराब संपर्क-व्यवस्था राहत कार्यों में बाधा बनी हुई है।

प्रशासनिक जवाबदेही
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बचाव कार्यों की जानकारी साझा करते हुए कहा कि “स्थिति दर्दनाक है, लेकिन हर संभव प्रयास किया जा रहा है।”
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख जताया और राहत तथा पुनर्निर्माण के लिए केंद्र सरकार की सहायता का आश्वासन दिया।
- आईएमडी ने भारी बारिश की चेतावनी जारी करते हुए रेड अलर्ट भी लगाई है।Al Jazeerawww.ndtv.com
विशेषज्ञों की राय: यह एक चेतावनी है
जलवायु परिवर्तन, बढ़ता ग्लेशियल पिघलाव, अवैज्ञानिक निर्माण और अपर्याप्त पूर्व चेतावनी तंत्र इस त्रासदी को घातक बनाते हैं। विशेषज्ञ कहते हैं कि हिमालय क्षेत्रों की ऐसी संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए सतत अवसंरचना, बेहतर आपदा पूर्व चेतावनी और पर्यावरणीय योजनाएं बनायी जानी चाहिए।The Economic TimesThe Guardian
सारांश तालिका
विषय | विवरण |
---|---|
मृतक संख्या | न्यूनतम 5 लोग |
लापता संख्या | 50–100+ लोग अनुमानित |
राहत अभियान | 190 से अधिक लोग बचाए गए |
मुख्य चुनौतियाँ | बाधित संपर्क, भूक्षरण, बारिश |
कारण (संभावित) | क्लाउडबर्स्ट, ग्लेशियल विस्फोट, भूस्खलन |
यदि कार्रवाई की जाए | पूर्व निवारण, सशक्त चेतावनी पर लैअउट, पर्यावरण रक्षा |
इस लेख को बनाने में स्रोत के तौर पर निम्नलिखित समाचार और सरकारी रिपोर्ट्स उपयोगी रहेंगे:
- Independent अथवा AP/Reuters रिपोर्ट (उदाहरण: Dharali flood death, rescue)
- IMD (Indian Meteorological Department) आधिकारिक वेबसाइट
- उत्तराखंड सरकार और NDMA/NDRF की आधिकारिक वेबसाइटें (राहत डेटा और हेल्पलाइन्स)
Nand Kishor is a content writer covering business, economy, and world affairs. With a background in journalism, he focuses on clear, ethical, and insightful reporting. Outside of work, he enjoys chess, cricket, and writing short stories.