अब तक सेविंग अकाउंट को सिर्फ पैसे रखने की जगह माना जाता था, जहां ब्याज दर 2.5%–3.5% से ज्यादा नहीं मिलती। वहीं FD (Fixed Deposit) को बेहतर रिटर्न के लिए लोग चुनते थे। लेकिन अब कई निजी बैंक और डिजिटल बैंकिंग सेवाएँ एक नया विकल्प लेकर आए हैं Saving Account New Rule। इसके तहत आप अपने सेविंग अकाउंट पर ही 6%–7% तक ब्याज पा सकते हैं। यानी FD जैसी कमाई और साथ ही पैसा कभी भी निकालने की सुविधा।
Saving Account New Rule क्या है?
यह नियम दरअसल High-Interest Savings Account (HISA) से जुड़ा है। इसमें:
- सेविंग अकाउंट पर 6% से 7% तक ब्याज दिया जाता है।
- ग्राहकों को FD जैसी लॉक-इन शर्तों का पालन नहीं करना पड़ता।
- डिजिटल ट्रांजैक्शन और मिनिमम बैलेंस जैसी शर्तें जरूर होती हैं।
- कुछ बैंकों ने इसे प्रीमियम अकाउंट वेरिएंट से जोड़ा है।
किन बैंकों में मिल रही है ज्यादा ब्याज दर?
बैंक का नाम | सेविंग अकाउंट ब्याज दर | मुख्य शर्तें |
---|---|---|
IDFC First Bank | 7% तक | हाई बैलेंस और डिजिटल ट्रांजैक्शन जरूरी |
RBL Bank | 6.5% तक | ₹1 लाख से ऊपर बैलेंस पर लागू |
IndusInd Bank | 6.75% तक | प्रीमियम अकाउंट पर लागू |
Yes Bank | 6.25% तक | खास अकाउंट वेरिएंट्स पर |
Kotak Mahindra Bank | 6% तक | ₹50,000 से ज्यादा बैलेंस पर |
FD और सेविंग अकाउंट: कौन बेहतर?
FD (Fixed Deposit)
- पैसा तय समय के लिए लॉक होता है।
- ब्याज दरें स्थिर रहती हैं।
- जल्दी निकालने पर पेनल्टी लगती है।
High-Interest Saving Account
- पैसा कभी भी निकाला जा सकता है।
- ब्याज दरें FD जितनी हो सकती हैं लेकिन बदल सकती हैं।
- शर्तों के हिसाब से बैलेंस रखना जरूरी है।
नतीजा: अगर आपको तुरंत पैसे की जरूरत पड़ सकती है तो HISA ज्यादा फायदेमंद है।
ज्यादा ब्याज पाने के लिए क्या करना होगा?
- सही बैंक चुनें – जहां 6%–7% ब्याज उपलब्ध है।
- मिनिमम बैलेंस मेंटेन करें – यह ₹25,000 से ₹1 लाख तक हो सकता है।
- डिजिटल ट्रांजैक्शन बढ़ाएं – बैंक चाहते हैं कि ग्राहक UPI और नेटबैंकिंग का इस्तेमाल करें।
- प्रीमियम अकाउंट खोलें – कई बार यह सुविधा केवल खास वेरिएंट्स पर होती है।
फायदे
- FD जैसी कमाई और पैसा anytime निकालने की सुविधा।
- डिजिटल ट्रांजैक्शन पर कैशबैक और ऑफर।
- शॉर्ट-टर्म सेविंग्स के लिए शानदार विकल्प।
Check Bounce Case 2025
2025 में चेक बाउंस केस (Cheque Bounce Case 2025) से जुड़े कई अहम बदलाव और कड़े फैसले सामने आए हैं। सुप्रीम कोर्ट के Celestium Financial केस में बड़ा फैसला आया, जिसमें शिकायतकर्ता को अब सीधे सेशन कोर्ट में अपील करने का अधिकार दिया गया है, यानी हाई कोर्ट की इजाज़त लेने की जरूरत नहीं।
वहीं देशभर में करीब 1.1 करोड़ से ज्यादा चेक बाउंस केस लंबित हैं और इनका निपटारा औसतन 3–4 साल में होता है। कई अदालतें अब कड़ा रुख अपना रही हैं जैसे भोपाल हाई कोर्ट ने नोटिस में हुई देरी पर आरोपी को दोगुनी रकम चुकाने का आदेश दिया, मोहाली कोर्ट ने एक विधायक समेत 4 लोगों को 2 साल की सज़ा, चेन्नई हाई कोर्ट ने 6 महीने की जेल और गुरुग्राम कोर्ट ने 5 महीने की कैद के साथ पूरी रकम और ब्याज चुकाने का आदेश दिया।
इन सब फैसलों से साफ है कि 2025 में चेक बाउंस को लेकर कानून और सख्त हो गया है और अदालतें अब दोषियों को न केवल आर्थिक दंड बल्कि जेल की सज़ा भी दे रही हैं।
नुकसान
- ब्याज दरें बदल सकती हैं।
- मिनिमम बैलेंस न रखने पर चार्ज।
- सभी बैंकों में उपलब्ध नहीं।
वास्तविक उदाहरण
- अनिता (दिल्ली) – ₹2 लाख बैलेंस पर पहले 3% ब्याज यानी ₹6,000 मिलते थे। अब HISA से 7% ब्याज पाकर ₹14,000 मिल रहे हैं।
- राजेश (मुंबई) – बिज़नेस खर्चों के लिए बड़ा बैलेंस रखते हैं। अब बिना FD कराए सेविंग अकाउंट से अच्छा रिटर्न पा रहे हैं।
भरोसेमंद स्रोत
FAQs
Q1. क्या हर सेविंग अकाउंट पर 7% ब्याज मिलेगा?
नहीं, केवल हाई-इंटरेस्ट अकाउंट पर।
Q2. पैसा कभी भी निकाला जा सकता है?
हाँ, FD की तरह लॉक-इन नहीं है।
Q3. मिनिमम बैलेंस कितना रखना होगा?
₹25,000–₹1 लाख, बैंक के अनुसार।
Q4. क्या यह FD जितना सुरक्षित है?
हाँ, दोनों RBI नियमों के तहत सुरक्षित हैं।
Q5. ब्याज दरें कब बदल सकती हैं?
जब RBI की नीतियाँ या बैंक की शर्तें बदलें।
निष्कर्ष
अब सेविंग अकाउंट सिर्फ पैसे रखने की जगह नहीं रहा, बल्कि FD जितना ब्याज कमाने का जरिया बन गया है। Saving Account New Rule उन लोगों के लिए बढ़िया विकल्प है जो चाहते हैं कि उनका पैसा हमेशा उपलब्ध भी रहे और उस पर अच्छा रिटर्न भी मिले। बस सही बैंक और सही अकाउंट वेरिएंट चुनें, मिनिमम बैलेंस मेंटेन करें और डिजिटल ट्रांजैक्शन का फायदा उठाएं। समझदारी से कदम उठाकर आप अपने पैसों को और ज्यादा बढ़ा सकते हैं। सही बैंक चुनें, मिनिमम बैलेंस का ध्यान रखें और डिजिटल ट्रांजैक्शन का फायदा उठाएं। अब आपका पैसा सिर्फ पड़ेगा नहीं, बल्कि आपके लिए और मेहनत करेगा।

Nand Kishor is a content writer covering business, economy, and world affairs. With a background in journalism, he focuses on clear, ethical, and insightful reporting. Outside of work, he enjoys chess, cricket, and writing short stories.