राहुल गांधी और विपक्षी नेताओं को दिल्ली में हिरासत में लिया गया: चुनाव आयोग मार्च के दौरान हाई ड्रामा!


दिल्ली की सड़कों पर आज एक बार फिर राजनीतिक हलचल देखने को मिली, जब INDIA ब्लॉक के शीर्ष विपक्षी नेताओं ने संसद से चुनाव आयोग मुख्यालय तक मार्च करने की कोशिश की। यह मार्च विशेष गहन सूचीकरण (Special Intensive Revision – SIR) विधेयक और 2024 लोकसभा चुनाव में कथित मतदाता धोखाधड़ी के विरोध में आयोजित किया गया था।

मार्च के दौरान पुलिस ने बैरिकेड लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोका, जिसके बाद राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत और तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष समेत कई नेताओं को हिरासत में लिया गया।

मार्च की पृष्ठभूमि

आज का विरोध मार्च संसद भवन के मकर द्वार से शुरू हुआ, जिसका नेतृत्व कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के सांसद कर रहे थे। विपक्ष का आरोप है कि SIR विधेयक और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली चुनावी पारदर्शिता को प्रभावित कर रही है।

SIR प्रक्रिया, जिसे चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के अद्यतन के लिए अपनाया जाता है, का उद्देश्य मतदाता सूचियों को सटीक बनाना है। हालांकि, विपक्ष का दावा है कि इस प्रक्रिया में पक्षपात और मतदाताओं की गलत तरीके से सूची से कटौती हो रही है।

चुनाव आयोग से संबंधित जानकारी और आधिकारिक अधिसूचनाएं आप electioncommission.gov.in पर देख सकते हैं।

गिरफ्तारी कैसे हुई

मार्च जैसे ही ट्रांसपोर्ट भवन के पास पहुंचा, दिल्ली पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रोक दिया। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा को पुलिस वैन में बैठाकर नजदीकी थाने ले जाया गया।

दिल्ली पुलिस ने कहा कि नेताओं को “कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अस्थायी रूप से हिरासत में लिया गया” और बाद में उन्हें रिहा कर दिया जाएगा। पुलिस के मुताबिक, विपक्षी दलों को पहले से ही बताया गया था कि संसद परिसर के बाहर मार्च निकालने की अनुमति नहीं है।

Rahul Gandhi and opposition leaders detained in Delhi: High drama during Election Commission march

नेताओं की प्रतिक्रिया

हिरासत में लिए जाने से पहले राहुल गांधी ने मीडिया से कहा:

हम लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखना चाहते हैं। यह सरकार लोगों की आवाज़ दबाना चाहती है। चुनाव आयोग को हमारी शिकायतें सुननी चाहिए, न कि अनदेखी करनी चाहिए।”

प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी पुलिस की कार्रवाई को “लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला” बताया। वहीं, संजय राउत ने कहा कि विपक्ष का एकमात्र उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना है।

प्रदर्शन का राजनीतिक महत्व

यह घटना ऐसे समय हुई है जब देश में राजनीतिक माहौल पहले से ही गरमाया हुआ है। हाल के महीनों में विपक्ष और केंद्र सरकार के बीच चुनावी प्रक्रिया, चुनाव आयोग की भूमिका और मतदाता सूची के अद्यतन को लेकर विवाद गहरा गया है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह प्रदर्शन 2029 लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष की एकजुटता और रणनीति को दिखाने का प्रयास है।

SIR विधेयक पर विवाद

SIR यानी Special Intensive Revision चुनाव आयोग की वह प्रक्रिया है जिसमें मतदाता सूची का गहन अद्यतन किया जाता है। आयोग का कहना है कि इसका उद्देश्य मृतकों, स्थानांतरित लोगों और डुप्लिकेट नामों को हटाना है ताकि मतदाता सूची सटीक हो।

हालांकि, विपक्ष का दावा है कि कई वैध मतदाताओं के नाम भी इस प्रक्रिया में गलत तरीके से हटा दिए जा रहे हैं, जिससे चुनावी अधिकार प्रभावित हो सकते हैं।
इस विषय पर आधिकारिक दिशानिर्देश और अधिसूचनाएं eci.gov.in के “Electoral Roll Revision” सेक्शन में उपलब्ध हैं।

दिल्ली पुलिस की भूमिका

दिल्ली पुलिस ने आज संसद परिसर से लेकर चुनाव आयोग कार्यालय तक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। संसद मार्ग, जनपथ और अशोक रोड पर ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया गया, जिसकी वजह से इलाके में जाम की स्थिति बन गई।

पुलिस अधिकारियों ने कहा कि नेताओं को धारा 144 के उल्लंघन के तहत रोका गया, क्योंकि इस क्षेत्र में बड़े जमावड़े पर प्रतिबंध था।

आगे की राह

हालांकि हिरासत में लिए गए सभी नेताओं को कुछ घंटों बाद रिहा करने की संभावना है, लेकिन यह घटना आने वाले दिनों में राजनीतिक बहस का बड़ा मुद्दा बनेगी। विपक्ष ने संकेत दिया है कि वे SIR विधेयक और चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन शुरू कर सकते हैं।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा:

यह लड़ाई केवल विपक्ष की नहीं, बल्कि हर नागरिक के लोकतांत्रिक अधिकार की है। हम इस मुद्दे को संसद और सड़कों दोनों पर उठाएंगे।

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निष्कर्ष

आज का दिन दिल्ली की राजनीतिक हलचल में दर्ज हो गया है। राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं की हिरासत ने न केवल संसद के भीतर बल्कि बाहर भी सत्ता और विपक्ष के बीच तनाव को और गहरा कर दिया है।

यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग विपक्ष की शिकायतों पर क्या कदम उठाता है, और आने वाले हफ्तों में यह विवाद किस दिशा में जाता है।

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