भारत में आज भी लाखों परिवार ऐसे हैं जिनके पास पक्का घर नहीं है। बरसात हो या सर्दी–गर्मी, उन्हें कच्चे मकानों में ही गुजर-बसर करनी पड़ती है। ऐसे लोगों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) यानी PMAY-G एक वरदान बनकर आई है। सरकार समय-समय पर नई लिस्ट जारी करती है ताकि वास्तविक लाभार्थियों तक योजना का फायदा पहुँच सके। हाल ही में पीएम आवास योजना की नई ग्रामीण लिस्ट जारी हुई है, जिससे लाखों परिवारों को पक्के घर का सपना पूरा करने का अवसर मिला है।
पीएम आवास योजना (ग्रामीण) क्या है?
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) 2016 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य 2024 तक सभी ग्रामीण परिवारों को पक्का घर उपलब्ध कराना है।
मुख्य विशेषताएं:
- कच्चे घरों में रहने वाले परिवारों को पक्का घर
- घर निर्माण के लिए वित्तीय सहायता (₹1.20 लाख से ₹1.30 लाख तक)
- मजदूरी के लिए मनरेगा (MGNREGA) से सहायता
- शौचालय निर्माण के लिए अलग से धनराशि
- पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ निर्माण
नई ग्रामीण लिस्ट क्यों जारी की जाती है?
नई लिस्ट जारी करने का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि:
- केवल वास्तविक जरूरतमंद लोगों को योजना का लाभ मिले।
- पुराने लाभार्थियों का रिकॉर्ड अपडेट हो।
- Awaas+ Survey 2018 के अनुसार छूटे हुए परिवार भी शामिल हों।
- राज्यों और केंद्र की मंजूरी के आधार पर अतिरिक्त घर स्वीकृत किए जाएँ।
हालिया अपडेट: किन राज्यों को मिला लाभ?
सरकार ने हाल ही में कई राज्यों में अतिरिक्त घरों की मंजूरी दी है।
राज्य | स्वीकृत अतिरिक्त घर (2025) | कुल स्वीकृत घर (अब तक) | स्रोत |
---|---|---|---|
महाराष्ट्र | 10.3 लाख | 44.7 लाख | TOI Report |
असम | 3.76 लाख | 20 लाख+ | TOI Report |
अन्य राज्य | जारी प्रक्रिया में | अपडेट जारी | pmayg.nic.in |
PM Awas Yojana Gramin List कैसे देखें?
यदि आप जानना चाहते हैं कि आपका नाम नई लिस्ट में है या नहीं, तो यह प्रक्रिया अपनाएँ:
ऑनलाइन तरीका
- आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ: pmayg.nic.in
- मेन्यू में Stakeholders पर क्लिक करें।
- “IAY/PMAYG Beneficiary” विकल्प चुनें।
- रजिस्ट्रेशन नंबर डालें और Submit करें।
- यदि नंबर नहीं है, तो Advanced Search चुनें और राज्य, जिला, ब्लॉक, ग्राम पंचायत जैसी जानकारी भरें।
मोबाइल ऐप
- “Awaas App” डाउनलोड करें (Google Play Store से)।
- रजिस्ट्रेशन नंबर डालकर अपनी स्थिति चेक करें।
कौन-कौन ले सकता है लाभ? (Eligibility)
योजना का लाभ उन्हीं को मिलता है जो वाकई जरूरतमंद हैं।
- जिनके पास पक्का घर नहीं है।
- परिवार की आय गरीबी रेखा के नीचे है।
- SECC 2011 सर्वे में शामिल परिवार।
- अनुसूचित जाति, जनजाति, विधवा, दिव्यांग आदि को प्राथमिकता।
पीएम आवास योजना ग्रामीण लिस्ट से क्या फायदे?
- पारदर्शिता: सभी को पता रहता है कि किसे लाभ मिला।
- भ्रष्टाचार कम: ऑनलाइन लिस्ट से बिचौलियों की भूमिका घटती है।
- विश्वास: ग्रामीण परिवारों में भरोसा बढ़ता है कि सरकार वादे निभा रही है।
- ट्रैकिंग आसान: लोग ऑनलाइन अपनी स्थिति चेक कर सकते हैं।
तुलना: पहले और अब
पहलू | पहले | अब |
---|---|---|
घर की क्वालिटी | कच्चे, असुरक्षित | पक्के, टिकाऊ |
फंडिंग | सीमित सहायता | ₹1.2–1.3 लाख + मजदूरी सहायता |
पारदर्शिता | ऑफलाइन और धीमी | ऑनलाइन लिस्ट, त्वरित अपडेट |
लाभार्थी जानकारी | मुश्किल से मिलती थी | वेबसाइट/ऐप पर आसानी से उपलब्ध |
(FAQ,s)
Q1. पीएम आवास योजना की नई लिस्ट कब जारी होती है?
सरकार समय-समय पर लिस्ट अपडेट करती है, खासकर जब नए घरों की मंजूरी होती है या सर्वे अपडेट आता है।
Q2. मैं कैसे जानूँ कि मेरा नाम लिस्ट में है?
आप pmayg.nic.in पर जाकर रजिस्ट्रेशन नंबर से या एडवांस्ड सर्च से चेक कर सकते हैं।
Q3. अगर मेरा नाम लिस्ट में नहीं है तो क्या करूँ?
आप अपने ग्राम पंचायत कार्यालय या ब्लॉक विकास अधिकारी से संपर्क करें और Awaas+ Survey में अपना नाम दर्ज करवाएँ।
Q4. क्या शहरी लोग भी इस लिस्ट में आते हैं?
नहीं, यह सूची केवल ग्रामीण लाभार्थियों के लिए है। शहरी क्षेत्र के लिए अलग योजना है – PMAY (Urban)।
Q5. क्या योजना में पैसा सीधे बैंक खाते में आता है?
हाँ, किस्तों में राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के ज़रिए भेजी जाती है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि लाखों परिवारों के लिए सम्मान और सुरक्षा का प्रतीक है। नई ग्रामीण लिस्ट जारी होने से यह सुनिश्चित होता है कि कोई भी पात्र परिवार पीछे न रह जाए। तकनीक और पारदर्शिता के माध्यम से अब ग्रामीण परिवार आसानी से अपना नाम चेक कर सकते हैं और अपने सपनों का पक्का घर पा सकते हैं। अगर आपने अभी तक अपनी स्थिति नहीं देखी है, तो तुरंत pmayg.nic.in पर जाएँ और नई लिस्ट में अपना नाम खोजें।

Nand Kishor is a content writer covering business, economy, and world affairs. With a background in journalism, he focuses on clear, ethical, and insightful reporting. Outside of work, he enjoys chess, cricket, and writing short stories.