सुबह आपके वाहन के लिए पेट्रोल या डीज़ल भरवाने गए और अचानक पता चला आज से आपके पुराने वाहन को ईंधन नहीं मिलेगा।” हैरान कर देने वाली खबर, है ना? लेकिन यकीन मानिए, ये बदलाव किसी ज़रिए हवा भरने जैसा नहीं बल्कि दिल्ली की ख़राब होती हवा को सुधारने की एक सख़्त कोशिश है। साथ ही, जानना भी दिलचस्प है कि आज‑09/02/2025 (नई दिल्ली में) पेट्रोल–डीज़ल की कीमती दरें किस क़दर थीं और कौन-कौनसे प्रसिद्ध नियम लागू हुए। उसी दोस्त़ाना अंदाज़ में मिलते हैं कुछ ऐसे तथ्य, जो आपकी समझ को आसान बनाएं और लेख आपके लिए कर देती है एक दम स्पूफ़।
नया नियम का हक़ीक़त में मतलब क्या है?
क्या बदलाव हुआ है?
- दिल्ली सरकार ने 1 जुलाई, 2025 से लागू किया है कि:
- पेट्रोल वाहन जो 15 साल से पुराने हैं, उन्हें ईंधन नहीं मिलेगा।
- डीज़ल वाहन जो 10 साल से अधिक पुराने हैं, उन्हें भी ईंधन नहीं मिलेगा।
यह नियम ANPR कैमरों के ज़रिए लागू होता है, जो नंबर प्लेट पढ़कर तुरंत पहचान लेते हैं।
- अन्य उपाय:
- 200 से ज़्यादा टीम्स, दिल्ली के लगभग 90 % पेट्रोल पंपों पर तैनात कर दिए गए।
- नियम उल्लंघन पर फाइन या फिर वाहन जब्ती जैसी कड़ी कार्रवाई संभव है।
क्यों ये बदलाव?—प्रदूषण से जंग
- दिल्ली की हवा जहरीली हो चुकी है, और पुराने वाहन जो अक्सर बीएस-IV या उससे पुराने होते हैं धुआँ छोड़े बिना नहीं रहते।
- इस कदम का मकसद हवा में पीएम 2.5 जैसी घातक कणों को कम करना है और शहर में ज़िंदगी को स्वस्थ रखना।
सुप्रीम कोर्ट ने रोक (Stay) क्यों लगा दी?
- 12 अगस्त, 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि अब तक लागू नियम (जिसमें वाहनों को जब्त या फाइन करने की बात थी) उस पर क़रीना में “कोएर्सिव एक्शन” नहीं होगा, यानि तत्काल सख़्ती नहीं होगी।
यानी फिलहाल, बिना कोई सख़्ती के, नियम प्रभावी रूप से थम गया है। - यह राहत वाहन मालिकों के लिए एक बड़ी राहत है, खासकर उन लोगों के लिए जिनके वाहन उम्र में पुराने, लेकिन फ़िटनेस में ठीक-ठाक हैं।
आज का रेट—कीमतें जो हर किसी को पता होनी चाहिए
नीचे दी गई तालिका से प्रमुख शहरों (2 सितंबर, 2025) में पेट्रोल और डीज़ल की दरें देखिए:
शहर / राज्य | पेट्रोल (₹/ल) | डीज़ल (₹/ल) |
---|---|---|
नई दिल्ली | 94.77 | 87.67 |
मुंबई | 103.50 | 90.03 |
कोलकाता | 105.41 | 92.02 |
बेंगलुरु | 102.92 | 90.99 |
हैदराबाद | 107.46 | 95.70 |
चेन्नई | ~100.80 | ~92.41 |
ये कीमतें हर सुबह 6:00 बजे तय होती हैं इसके पीछे ग्लोबल क्रूड की कीमत, डॉलर-रुपिया का एक्सचेंज रेट, केंद्र और राज्य के टैक्स (जैसे VAT, एक्साइज ड्यूटी), और डीलर कमीशन होता है।
Wikipedia
\तुलनात्मक असर (Comparison & Analysis)
- वृद्ध वाहन vs नए वाहन:
- अधिक पुराने वाहन प्रदूषण फैलाने में ज़्यादा जवाब देह होते हैं, बावजूद कि उनका PUC (Pollution Under Control) प्रमाणपत्र हो।
- Age-based नियम (केवल उम्र देखकर प्रतिबंध) बनाम Fitness-based नियम (वाहन की असल हालत पर आधारित) यहां एक बड़ा बहस का मुद्दा है।
- टैक्स का असर:
भारत में पेट्रोल और डीज़ल की कीमत का लगभग 45–55 percent भाग टैक्स ही होता है जिसमें केंद्रीय एक्साइज और राज्य VAT शामिल हैं। - पुरानी तकनीक बदली—BS VI:
नए वाहनों को BS VI मानक के अनुसार निर्मित किया जाना अनिवार्य है, क्योंकि यह तकनीकी मानक बीएस-IV की तुलना में NOx और PM उत्सर्जन को काफी कम करता है।
बाहरी विश्वसनीय संदर्भ
- आगे पढ़ने के लिए:
- Financial Times: दिल्ली में पुराने वाहनों को ईंधन ना देने की कहानी (End of the road…)
- Reuters: E20 फ्यूल (20 % इथेनॉल) के प्रति ग़ुस्सा और तकनीकी चिंताएँ
- Financial Times: दिल्ली में पुराने वाहनों को ईंधन ना देने की कहानी (End of the road…)
(FAQ;s)
1. सवाल: क्या मेरे पुराने वाहन को ईंधन मिलना बंद हो जाएगा?
- जवाब: फिलहाल, सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी कार्रवाई पर रोक लगा दी है—इसलिए अभी वाहन जब्त या फाइन नहीं किया जा रहा। लेकिन नियम अब भी अधिरोहित है और आगे स्थिति बदल सकती है।
2. सवाल: क्या यह नियम सिर्फ दिल्ली में लागू है?
- जवाब: अब तक सिर्फ दिल्ली-NCR में लागू है। लेकिन CAQM में ऐसी ही पहल व्यापक शहरों में भी बढ़ सकती है।
3. सवाल: क्या CNG वाहन इस नियम से बाहर हैं?
- जवाब: हां, CNG (या इलेक्ट्रिक) वाहन इस नियम से मुक्त हैं।
4. सवाल: क्या मैं सड़क चालान या प्रशासन से बच सकता हूँ अगर वाहन अन्य राज्य में पंजीकृत है?
- जवाब: नहीं। दिल्ली में कहीं भी ईंधन लेने पर वाहन राज्य की पंजीकरण नहीं देखता, सिर्फ उम्र देखता है—वहीं रोक लग सकती है।
5. सवाल: अगर मैं वाहन स्क्रैप करवा दूँ या नया ले लूँ, क्या फर्क पड़ेगा?
- जवाब: ज़रूर। नए वाहन (विशेषकर BS VI मानक वाले) लंबी अवधि तक सड़क पर चलेगा, कम प्रदूषण करेगा और नियम से बचेगा।
निष्कर्ष (Conclusion)
नई दिल्ली के नए नियम ने हमें याद दिला दिया है कि सफ़र सिर्फ सड़क तक सीमित नहीं रहता—वायु, सुरक्षा और ज़िम्मेदारी से भी जुड़ा होता है। इस नियम से जहां दूसरी ओर हवा में सुधार का इरादा दिखाई देता है, वहीं दूसरी ओर आम नागरिकों के बीच चिंता और आलोचना भी पनाह ले रही है। व्यावहारिक दृष्टिकोण सुझाए जाते हैं जैसे वाहन की वास्तविक फिटनेस पर आधारित मानक, स्क्रैपिंग पर उचित मुआवज़ा, और साफ़-सुथरी नीति निर्माण।
आज का पेट्रोल–डीज़ल रेट (2 सितंबर 2025) आपने देख लिया अब समझना आसान है कि आपके जेब पर इसका क्या असर है। कार्बन को कम करें और स्मार्ट ड्राइविंग अपनाएं—स्वस्थ हवा और शहर की ज़िंदगी दोनों का भरोसा वही रखता

Nand Kishor is a content writer covering business, economy, and world affairs. With a background in journalism, he focuses on clear, ethical, and insightful reporting. Outside of work, he enjoys chess, cricket, and writing short stories.