झारखंड की महिलाओं के लिए सितंबर का महीना बड़ी राहत लेकर आया है। मंईया सम्मान योजना (Maiya Samman Yojana) के तहत 13वीं किस्त जारी कर दी गई है। अब 12 जिलों की पात्र महिलाओं के खाते में सीधे ₹2,500 की राशि ट्रांसफर होना शुरू हो गया है। यह योजना लंबे समय से ग्रामीण महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का जरिया बनी हुई है और हर किस्त के साथ लाखों परिवारों को वित्तीय सहारा मिल रहा है। खास बात यह है कि इस बार भी लाभार्थियों को राशि DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए मिलेगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
मंईया सम्मान योजना क्या है?
मंईया सम्मान योजना झारखंड सरकार की एक प्रमुख महिला सशक्तिकरण योजना है। इसका मुख्य उद्देश्य गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की महिलाओं को आर्थिक मदद देना है, ताकि वे अपने परिवार की छोटी-बड़ी जरूरतें पूरी कर सकें।
योजना की खास बातें:
- हर पात्र महिला को हर किस्त में ₹2,500 की सहायता राशि मिलती है।
- पैसा सीधे बैंक खाते में जमा होता है।
- योजना का मकसद महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और परिवार की वित्तीय स्थिति मजबूत करना है।
- अब तक इस योजना की 12 किस्तें सफलतापूर्वक जारी की जा चुकी हैं।
13वीं किस्त क्यों है खास?
इस बार की किस्त इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि:
- यह नया वित्तीय साल शुरू होने के बाद की पहली किस्त है।
- लंबे इंतजार के बाद महिलाओं को फिर से ₹2,500 की राहत राशि मिल रही है।
- इस बार 12 जिलों की महिलाओं को सबसे पहले किस्त मिलनी शुरू हुई है।
- इससे करीब 10–12 लाख परिवार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे।
किन जिलों की महिलाओं को मिलेगी किस्त?
झारखंड सरकार ने फिलहाल 12 जिलों की महिलाओं के लिए किस्त जारी की है। हालांकि, यह सूची समय-समय पर अपडेट होती रहती है।
संभावित जिलों की सूची:
- रांची
- बोकारो
- गिरिडीह
- धनबाद
- चतरा
- देवघर
- पलामू
- गढ़वा
- दुमका
- गोड्डा
- साहेबगंज
- लोहरदगा
(नोट: वास्तविक जिलों की जानकारी झारखंड सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध कराई जाती है।)
लाभार्थियों के खाते में पैसा कैसे आता है?
योजना के तहत राशि सीधे DBT (Direct Benefit Transfer) से दी जाती है। यानी:
- महिला का बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए।
- बैंक खाते में e-KYC और DBT सक्षम होना जरूरी है।
- किस्त जारी होते ही राशि सीधे खाते में ट्रांसफर हो जाती है।
- SMS या बैंक पासबुक से भुगतान की पुष्टि की जा सकती है।
आंकड़ों पर एक नजर
नीचे दी गई तालिका से योजना के अब तक के प्रभाव को समझा जा सकता है:
किस्त संख्या | जारी तिथि (अनुमानित) | राशि प्रति महिला | लाभार्थियों की संख्या (लाख में) | कुल खर्च (करोड़ में) |
---|---|---|---|---|
10वीं किस्त | मार्च 2024 | ₹2,500 | 10.5 | ₹262.5 |
11वीं किस्त | जून 2024 | ₹2,500 | 11 | ₹275 |
12वीं किस्त | दिसंबर 2024 | ₹2,500 | 11.2 | ₹280 |
13वीं किस्त | सितंबर 2025 | ₹2,500 | 12 (अनुमानित) | ₹300+ |
महिलाओं पर असर
- इस योजना से महिलाएं रोजमर्रा की जरूरतें जैसे बच्चों की पढ़ाई, दवा, राशन आदि आराम से पूरा कर पा रही हैं।
- ग्रामीण इलाकों में महिलाएं इस पैसे से छोटे व्यापार (जैसे पशुपालन, सब्जी बेचना) भी शुरू कर रही हैं।
- परिवार में महिलाओं की निर्णय लेने की भूमिका बढ़ी है, जिससे सामाजिक स्तर पर भी बदलाव देखा जा रहा है।
दूसरे राज्यों की तुलना
मंईया सम्मान योजना जैसी पहलें कई राज्यों में अलग नाम से चल रही हैं:
- मध्यप्रदेश: लाड़ली बहना योजना – ₹1,250 मासिक सहायता।
- उत्तरप्रदेश: महिला सम्मान भत्ता – जरूरतमंद महिलाओं को वित्तीय मदद।
- बिहार: कुंवर सिंह महिला सम्मान योजना – शिक्षा व स्वास्थ्य केंद्रित सहायता।
स्पष्ट है कि झारखंड की यह योजना राशि के हिसाब से सबसे बड़ी मदद देती है।
कैसे करें किस्त की जांच?
लाभार्थी महिलाएं यह चेक कर सकती हैं कि उनके खाते में पैसा आया है या नहीं।
स्टेप्स:
- mmmsy.jharkhand.gov.in पर लॉगिन करें।
- “Installment Status” सेक्शन में जाएं।
- अपना आधार नंबर/पंजीकरण ID डालें।
- स्क्रीन पर किस्त की जानकारी दिख जाएगी।
FAQ,s
Q1. मंईया सम्मान योजना की 13वीं किस्त कब से मिल रही है?
1 सितंबर 2025 से 12 जिलों की महिलाओं के खाते में राशि ट्रांसफर होना शुरू हो गया है।
Q2. हर महिला को कितनी राशि मिलती है?
प्रत्येक पात्र महिला को हर किस्त में ₹2,500 की आर्थिक मदद दी जाती है।
Q3. किस्त की स्थिति कैसे जांची जा सकती है?
mmmsy.jharkhand.gov.in पोर्टल पर जाकर लाभार्थी स्टेटस चेक कर सकते हैं।
Q4. क्या यह पैसा सभी जिलों की महिलाओं को मिलेगा?
फिलहाल 12 जिलों की महिलाओं को किस्त मिलना शुरू हुआ है, बाकी जिलों में भी धीरे-धीरे जारी होगा।
Q5. क्या योजना में पंजीकरण नया कराया जा सकता है?
हां, योग्य महिलाएं नजदीकी आंगनवाड़ी या पंचायत केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकती हैं।
निष्कर्ष
मंईया सम्मान योजना की 13वीं किस्त ने झारखंड की महिलाओं को फिर से एक बड़ी राहत दी है। ₹2,500 की सीधी मदद न केवल आर्थिक बोझ कम करती है, बल्कि महिलाओं के आत्मविश्वास को भी बढ़ाती है। इस योजना ने यह साबित किया है कि यदि सरकारें सही दिशा में प्रयास करें तो ग्रामीण और शहरी दोनों स्तरों पर महिला सशक्तिकरण संभव है। अब जरूरत है कि इस योजना को और अधिक पारदर्शी व व्यापक बनाया जाए, ताकि हर जरूरतमंद महिला तक यह सहायता पहुंच सके।

Nand Kishor is a content writer covering business, economy, and world affairs. With a background in journalism, he focuses on clear, ethical, and insightful reporting. Outside of work, he enjoys chess, cricket, and writing short stories.