Bihar सरकार और AAI के बीच समझौता: क्षेत्रीय हवाई अड्डों के लिए ₹150 करोड़ का आवंटन!

बिहार लंबे समय से हवाई कनेक्टिविटी के मामले में पिछड़ा हुआ राज्य माना जाता रहा है। राज्य के ज़्यादातर लोग आज भी सड़क और रेल परिवहन पर निर्भर हैं। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में पटना, गया और दरभंगा एयरपोर्ट की उड़ानों से सुविधा बढ़ी है, लेकिन बिहार नए हवाई अड्डे 2025 योजना से यह तस्वीर और बदलने वाली है।

कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में 6 नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने और गया एयरपोर्ट को ऑल वेदर एयरपोर्ट में बदलने की मंजूरी दी गई है।

बिहार में 6 नए हवाई अड्डे कहाँ बनेंगे?

सरकार ने निम्न जिलों में एयरपोर्ट बनाने की योजना को मंजूरी दी है:

इन हवाई अड्डों के निर्माण से बिहार के उत्तर, दक्षिण और सीमावर्ती इलाकों को सीधा फायदा होगा। खासतौर पर सहरसा और सुपौल जैसे इलाके, जो अक्सर बाढ़ से कट जाते हैं, अब तेज़ हवाई सेवा से जुड़ेंगे।

प्रारंभिक चरण में सरकार ने ₹2.90 करोड़ की राशि Obstacle Limitation Survey (OLS) के लिए मंजूर की है। यह सर्वे यह तय करेगा कि उड़ानों के लिए कौन-सी बाधाएं हटानी होंगी।

गया एयरपोर्ट: ऑल वेदर एयरपोर्ट बनने की राह

गया बिहार का धार्मिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व वाला शहर है। यहाँ हर साल बौद्ध पर्यटक और हज यात्रा के यात्री बड़ी संख्या में आते हैं। लेकिन घना कोहरा और खराब मौसम कई बार फ्लाइट्स रोक देता है।

अब CAT-I Instrument Landing System (ILS) लगाए जाने से गया एयरपोर्ट ऑल वेदर एयरपोर्ट बन जाएगा।

यह सुविधा बिहार को देश के चुनिंदा राज्यों की श्रेणी में लाएगी जहां ऑल वेदर एयरपोर्ट उपलब्ध है।

UDAN योजना और बिहार की भूमिका

UDAN (Ude Desh Ka Aam Nagrik) योजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य छोटे शहरों को हवाई सेवा से जोड़ना और सस्ती हवाई यात्रा उपलब्ध कराना है।

UDAN योजना – नागरिक उड्डयन मंत्रालय

बिहार एयरपोर्ट का भविष्य: 12 एयरपोर्ट का लक्ष्य

फिलहाल बिहार में 3 प्रमुख हवाई अड्डे हैं:

आने वाले वर्षों में 3 और एयरपोर्ट चालू होंगे:

अगर नए 6 एयरपोर्ट समय पर तैयार हो जाते हैं, तो बिहार के पास कुल 12 हवाई अड्डे होंगे।

आर्थिक और सामाजिक लाभ

इन परियोजनाओं से बिहार की तस्वीर बदल सकती है।

  1. पर्यटन में वृद्धि – गया, वाल्मिकीनगर और भागलपुर जैसे क्षेत्र धार्मिक और प्राकृतिक पर्यटन के लिए प्रसिद्ध हैं। बेहतर कनेक्टिविटी से यहाँ पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
  2. रोज़गार सृजन – एयरपोर्ट निर्माण और संचालन से स्थानीय स्तर पर हजारों रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
  3. व्यापार और निर्यात – बिहार के कृषि और हस्तशिल्प उत्पाद अब देश और विदेश तक तेजी से भेजे जा सकेंगे।
  4. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों को राहत – कोसी और सुपौल जैसे बाढ़ प्रभावित जिलों में हवाई सेवा जीवनरेखा साबित होगी।
  5. निवेश में बढ़ोतरी – बेहतर कनेक्टिविटी से बिहार में उद्योगों और विदेशी निवेश की संभावना बढ़ेगी।

सारांश तालिका

पहलविवरण
नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्टमुंगेर, मुज़फ्फरपुर, भागलपुर, सहरसा, बिरपुर, वाल्मिकीनगर
सर्वे बजटOLS सर्वे के लिए ₹2.90 करोड़
गया एयरपोर्ट अपग्रेडCAT-I सिस्टम, 18.2442 एकड़ भूमि अधिग्रहण, ₹137.17 करोड़
MoU और फंडिंगकुल ₹150 करोड़; हर एयरपोर्ट पर ₹25 करोड़
नए एयरपोर्ट टाइमलाइनपूर्णिया (2025), बिहटा (2027), रक्सौल (2028)
भविष्य में कुल एयरपोर्ट12

FAQs

प्रश्न 1. बिहार में नए एयरपोर्ट कहाँ बनेंगे?
उत्तर: मुंगेर, मुज़फ्फरपुर, भागलपुर, सहरसा, बिरपुर (सुपौल) और वाल्मिकीनगर में।

प्रश्न 2. गया एयरपोर्ट को ऑल वेदर क्यों बनाया जा रहा है?
उत्तर: कोहरे और खराब मौसम में भी फ्लाइट्स सुचारु रूप से चल सकें, इसके लिए CAT-I सिस्टम लगाया जा रहा है।

प्रश्न 3. इस योजना का कुल बजट कितना है?
उत्तर: ₹150 करोड़ (हर एयरपोर्ट पर ₹25 करोड़) और गया अपग्रेड के लिए अलग से ₹137.17 करोड़।

प्रश्न 4. फिलहाल बिहार में कितने एयरपोर्ट हैं?
उत्तर: अभी 3 – पटना, गया और दरभंगा।

प्रश्न 5. भविष्य में बिहार में कितने एयरपोर्ट होंगे?
उत्तर: करीब 12 एयरपोर्ट।

प्रश्न 6. इन हवाई अड्डों से आम लोगों को क्या फायदा होगा?
उत्तर: सस्ती और तेज़ हवाई यात्रा, नए रोजगार, पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा।

प्रश्न 7. क्या यह सब UDAN योजना से जुड़ा है?
उत्तर: हाँ, सभी नए एयरपोर्ट UDAN योजना बिहार के तहत विकसित किए जा रहे हैं।

निष्कर्ष

बिहार नए हवाई अड्डे 2025 योजना और गया ऑल वेदर एयरपोर्ट का अपग्रेड राज्य की हवाई यात्रा और अर्थव्यवस्था में ऐतिहासिक बदलाव लाने वाला है। यह कदम न सिर्फ लोगों की यात्रा को आसान बनाएगा बल्कि रोजगार, निवेश और पर्यटन को भी नई उड़ान देगा।

आधिकारिक जानकारी के लिए देखें: नागरिक उड्डयन मंत्रालय, एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया

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