भारत सरकार ने कारीगरों और शिल्पकारों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) की शुरुआत की है। यह योजना उन पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों के लिए है, जिनकी रोज़ी-रोटी उनके हुनर और हाथ के काम पर आधारित है। इस योजना के तहत उन्हें न केवल प्रशिक्षण और टूलकिट दी जाती है, बल्कि बिना गारंटी वाला लोन भी उपलब्ध कराया जाता है।
नीचे हम विस्तार से जानेंगे कि इस योजना का लाभ किसे मिलता है, कितनी राशि तक लोन दिया जाता है और किन शर्तों के साथ यह सुविधा मिलती है।
योजना का उद्देश्य
भारत में बड़ी संख्या में लोग पारंपरिक कारीगरी जैसे बढ़ईगिरी, सुनार का काम, कुम्हारगिरी, लोहार का काम, जूते बनाना, दर्जी का काम या राजमिस्त्री का कार्य करते हैं। इनका काम स्थानीय स्तर पर तो चलता है, लेकिन अक्सर इन्हें आधुनिक उपकरण, पूंजी और बाज़ार तक पहुँच नहीं मिल पाती।
पीएम विश्वकर्मा योजना का मकसद इन्हीं कारीगरों को आधुनिक साधनों, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता से जोड़ना है ताकि उनका काम टिकाऊ हो सके और वे सम्मानजनक आय कमा सकें।
किसे मिलेगा लाभ?
यह योजना उन लोगों के लिए है जो पारंपरिक रूप से अपने हाथ के हुनर से काम कर रहे हैं। योजना में लगभग 18 ट्रेड्स (पेशा) को शामिल किया गया है। इनमें प्रमुख हैं:
- बढ़ई (Carpenter)
- लोहार (Blacksmith)
- सुनार (Goldsmith)
- कुम्हार (Potter)
- राजमिस्त्री (Mason)
- मोची (Cobbler)
- दर्जी (Tailor)
- नाव बनाने वाला (Boat Maker)
- हथकरघा बुनकर (Handloom Weaver)
- मछली पकड़ने का जाल बनाने वाला (Fisher Net Maker)
लाभार्थी की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए और वह इस पेशे में सक्रिय रूप से काम कर रहा हो।
पीएम विश्वकर्मा योजना लोन: कितनी राशि मिलेगी?
योजना के तहत कारीगरों को कुल ₹3,00,000 तक का लोन दिया जाता है। यह लोन दो चरणों में मिलता है:
- पहली किश्त:
- राशि: ₹1,00,000
- अवधि: 18 महीने
- इस लोन को समय पर चुकाने और प्रशिक्षण पूरा करने के बाद ही दूसरी किश्त के लिए पात्रता बनती है।
- दूसरी किश्त:
- राशि: ₹2,00,000
- अवधि: 30 महीने
इस तरह कुल मिलाकर लाभार्थी को ₹3 लाख रुपये तक का कोलैटरल-फ्री लोन मिल सकता है।
ब्याज दर और शर्तें
- ब्याज दर: केवल 5% प्रतिवर्ष
- लोन पूरी तरह कोलैटरल-फ्री है, यानी किसी संपत्ति की गारंटी नहीं देनी होगी।
- सरकार बैंकों को ब्याज सबवेशन (Interest Subvention) देती है ताकि कारीगर को कम ब्याज पर लोन मिल सके।
- पहली किश्त लेने के बाद लाभार्थी को बेसिक ट्रेनिंग लेनी ज़रूरी है। दूसरी किश्त के लिए एडवांस्ड ट्रेनिंग कराई जाती है।
अन्य लाभ
पीएम विश्वकर्मा योजना केवल लोन तक सीमित नहीं है। इसके तहत कारीगरों को कई और फायदे भी मिलते हैं:
- प्रशिक्षण सुविधा: बेसिक और एडवांस्ड दोनों प्रकार की ट्रेनिंग ताकि काम को और बेहतर ढंग से किया जा सके।
- टूलकिट प्रोत्साहन: लगभग ₹15,000 की वित्तीय सहायता उपकरण खरीदने के लिए।
- डिजिटल लेन-देन पर इंसेंटिव: डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए अतिरिक्त प्रोत्साहन।
- पहचान पत्र: लाभार्थी को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और डिजिटल ID कार्ड।
आवेदन कैसे करें?
- योजना में आवेदन आधिकारिक पोर्टल या CSC केंद्र के माध्यम से किया जा सकता है।
- आवेदक को आधार कार्ड, मोबाइल नंबर, बैंक खाता विवरण और पेशे से संबंधित जानकारी देनी होगी।
- आवेदन स्वीकृत होने के बाद लाभार्थी को प्रशिक्षण और लोन की प्रक्रिया से जोड़ा जाएगा।
निष्कर्ष
पीएम विश्वकर्मा योजना लोन कारीगरों और शिल्पकारों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल उन्हें आर्थिक मदद प्रदान करती है, बल्कि उनके कौशल को उन्नत करने और आधुनिक साधनों से जोड़ने में भी मदद करती है। 5% ब्याज दर पर बिना गारंटी का लोन, प्रशिक्षण, टूलकिट और डिजिटल इंसेंटिव जैसी सुविधाएं इस योजना को बेहद खास बनाती हैं।
अगर आप या आपके जानने वाले इस पेशे से जुड़े हैं, तो pmvishwakarma.gov.in पर जाकर इस योजना के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और आवेदन कर सकते हैं।
Nand Kishor is a content writer covering business, economy, and world affairs. With a background in journalism, he focuses on clear, ethical, and insightful reporting. Outside of work, he enjoys chess, cricket, and writing short stories.
