UPI से पेमेंट करने वालों के लिए बड़ी अपडेट Google Pay, PhonePe, Paytm यूज़र्स अलर्ट UPI पर लागू हुए नए नियम!

भारत में UPI (Unified Payments Interface) आज करोड़ों लोगों के लिए रोज़मर्रा के लेन-देन का सबसे आसान तरीका बन चुका है। चाहे सब्ज़ी वाले को ₹50 देना हो या ऑनलाइन शॉपिंग के लिए ₹5000, लोग सबसे पहले UPI का ही इस्तेमाल करते हैं। आपके इस अनुभव में बड़ा बदलाव आने वाला है। NPCI (National Payments Corporation of India) ने नए नियम लागू किए हैं, जिनका असर सीधा हर उस व्यक्ति पर पड़ेगा जो Google Pay, PhonePe, Paytm जैसे ऐप्स का इस्तेमाल करता है।

इन नियमों का मक़सद है UPI सिस्टम को सुरक्षित, तेज़ और स्थिर बनाना। तो आइए जानते हैं ये नए नियम क्या हैं, क्यों लागू किए गए और आपको किन बातों का ध्यान रखना होगा।

नए UPI नियम 2025: मुख्य बदलाव

1. बैलेंस चेक की सीमा तय

पहले आप चाहें तो दिन में 100 बार भी अपना बैंक बैलेंस UPI ऐप से देख सकते थे। अब यह सुविधा सीमित हो गई है।

  • अब हर UPI ऐप में दिनभर में अधिकतम 50 बार ही बैलेंस चेक किया जा सकेगा।
  • यह सीमा rolling 24 घंटे पर आधारित होगी, यानी लगातार 24 घंटे में 50 बार तक ही।

उदाहरण: अगर आप सुबह 8 बजे से शाम तक कई बार बैलेंस देखते हैं, तो 51वीं बार पर ऐप आपको मैसेज देगा कि “आज के लिए बैलेंस चेक लिमिट पूरी हो चुकी है”।

2. लिंक्ड बैंक अकाउंट देखने पर कंट्रोल

  • अब किसी भी UPI ऐप में आप दिनभर में केवल 25 बार ही अकाउंट लिस्ट देख पाएंगे।
  • इसका सीधा असर उन लोगों पर होगा जो बार-बार चेक करते हैं कि उनके मोबाइल नंबर से कौन-सा बैंक अकाउंट लिंक है।

3. ऑटोपे (AutoPay) का नया नियम

EMI, OTT सब्सक्रिप्शन या इंश्योरेंस जैसी सेवाओं के लिए लोग ऑटोपे सेट करते हैं। अब इसमें भी बदलाव आया है:

  • ऑटोपे ट्रांजेक्शन केवल non-peak hours में ही होंगे।
    • सुबह 10 बजे से पहले
    • दोपहर 1 बजे से शाम 5 बजे तक
    • रात 9:30 बजे के बाद
  • हर mandate (ऑटोपे आदेश) के लिए एक मुख्य प्रयास + तीन retry (कुल 4 बार) की सीमा होगी।

उदाहरण: अगर आपके Netflix का मासिक सब्सक्रिप्शन 11 बजे सुबह कटना है, तो यह असफल हो सकता है। बैंक और ऐप इसे दोपहर 1 से शाम 5 बजे के बीच दोबारा प्रोसेस करेंगे।

4. Pending ट्रांजेक्शन चेक करने की नई सीमा

  • अगर आपका पेमेंट “Pending” में फंस गया है, तो आप उसकी स्थिति दिन में केवल 3 बार ही चेक कर पाएंगे
  • हर प्रयास के बीच कम से कम 90 सेकंड का अंतर होना ज़रूरी होगा।

यह नियम सिस्टम पर ज़रूरी दबाव को कम करने के लिए लाया गया है।

5. ट्रांजेक्शन डिटेल्स में सुधार

अब से:

  • हर सफल ट्रांजेक्शन के बाद आपको तुरंत अपडेटेड बैलेंस दिखेगा।
  • पेमेंट करने से पहले Receiver का नाम और Transaction ID भी साफ़-साफ़ नज़र आएंगे।

इससे धोखाधड़ी और गलत अकाउंट में पैसा जाने का जोखिम काफी हद तक कम होगा।

6. अनुपालन न करने पर सज़ा

NPCI ने साफ कहा है कि अगर कोई ऐप इन नए नियमों का पालन नहीं करेगा तो:

  • उसकी API एक्सेस सीमित की जा सकती है।
  • नए यूज़र्स को ऑनबोर्ड करने पर रोक लग सकती है।

7. आगे आने वाला बदलाव (1 अक्टूबर 2025 से)

  • P2P Collect Request (यानी किसी दोस्त से “Pay Request” भेजना) फीचर को UPI से पूरी तरह हटा दिया जाएगा।
  • इसका मक़सद है ऑनलाइन ठगी और फ़िशिंग को रोकना। www.npci.org.in

नए और पुराने नियमों की तुलना

सुविधा / नियमपहले क्या थाअब नया बदलाव
बैलेंस चेकअनलिमिटेड50 बार/दिन/ऐप
अकाउंट लिस्टअनलिमिटेड25 बार/दिन/ऐप
Pending Status चेककई बारकेवल 3 बार (90 सेकंड गैप)
ऑटोपे टाइमिंगकिसी भी समयसिर्फ़ non-peak hours
ऑटोपे प्रयासकई बारअधिकतम 4 प्रयास
ट्रांजेक्शन इनफोसीमित जानकारीबैलेंस + Payee नाम + ID अनिवार्य
Collect Requestउपलब्ध1 अक्टूबर 2025 से बंद

क्यों ज़रूरी थे ये बदलाव?

भारत दुनिया का सबसे बड़ा UPI बाज़ार है। NPCI के आंकड़ों के अनुसार, जून 2025 में हर दिन 45 करोड़ से अधिक ट्रांजेक्शन हुए। ऐसे में सिस्टम पर लोड बढ़ना स्वाभाविक है।

  • बैलेंस चेक की लिमिट से सर्वर लोड घटेगा
  • Pending Status चेक पर कंट्रोल से नेटवर्क स्थिरता बनी रहेगी
  • ऑटोपे के नियम से फेल ट्रांजेक्शन की संभावना घटेगी
  • Payee नाम और ट्रांजेक्शन ID दिखाने से फ्रॉड पर रोक लगेगी

इन बदलावों से आपको क्या करना होगा?

  1. कम बैलेंस चेक करें – हर ट्रांजेक्शन के बाद ऐप पर बैलेंस दिखेगा, बार-बार चेक करने की ज़रूरत नहीं।
  2. ऑटोपे शेड्यूल समझें – कोशिश करें कि आपके सब्सक्रिप्शन due time non-peak hours में पड़ें।
  3. Pending पेमेंट पर घबराएं नहीं – बार-बार चेक करने से बचें, कुछ मिनट इंतजार करें।
  4. नए नियम पढ़ें – खासकर अगर आप व्यापारी (merchant) हैं तो इन नियमों का पालन अनिवार्य है।

उपयोगकर्ताओं की राय और संभावित असर

कई यूज़र्स को यह बदलाव शुरुआत में थोड़ा असुविधाजनक लग सकता है, जैसे बैलेंस लिमिट या Pending Status चेक की सीमा। लेकिन लंबे समय में ये कदम UPI को और भरोसेमंद बनाएंगे।

  • व्यापारी वर्ग को पेमेंट डिटेल्स में सुधार से फायदा होगा।
  • आम यूज़र्स को सुरक्षा का भरोसा मिलेगा।
  • धोखाधड़ी और “गलत अकाउंट में पैसा भेजने” जैसी घटनाएं कम होंगी।

निष्कर्ष

UPI नए नियम 2025 भले ही शुरुआत में थोड़े कठिन लगें, लेकिन इनका असली मक़सद है सिस्टम को स्थिर और सुरक्षित बनाना। भारत में डिजिटल लेन-देन लगातार बढ़ रहा है और NPCI का यह कदम सही दिशा में है।

अब आपकी ज़िम्मेदारी है कि आप इन नियमों को समझें और उसी हिसाब से UPI का इस्तेमाल करें। याद रखिए—कम बैलेंस चेक, समय पर ऑटोपे, और सही जानकारी देखकर पेमेंट करना न केवल आपके लिए सुरक्षित है बल्कि पूरे सिस्टम के लिए भी फायदेमंद है।

डिजिटल इंडिया का सफर तभी सफल होगा जब हम तकनीक का इस्तेमाल समझदारी और जिम्मेदारी से करेंगे।

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